पुलिस की पकड़ से दूर है गिरोह का सरगना शमसेर

बस्ती: एसपी ने बताया कि इनका एक गिरोह है जिसका सरगना शमसेर आलम पुत्र निसार अहमद निवासी कोल्हुई गरीब थाना खोड़ारे जनपद गोंडा है। इस गिरोह का एक प्रमुख सदस्य अभय प्रताप सिंह पुत्र उमेश प्रताप सिंह निवासी जेल रोड, कोतवाली गोंडा, जनपद गोंडा है। 2016 में शमसेर को सीबीआइ ने तो 2012 में यूपी एसटीएफ ने अभय प्रताप को सॉफ्टवेयर के खरीदने बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस और रेलवे पुलिस दोनो की तलाश में लगी हुई है।


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विकसित किया था आइवाल और रेडबुल साफ्टवेयर


एसपी ने बताया कि अभियुक्तों ने दो साफ्टवेयर डवलप किया था। आइबाल और रेडबुल साफ्टवेयर के जरिए यह आइआरसीटीसी के वेबसाइट को हैक करते थे। बरामद मोबाइल, लैपटाप को चेक करने पर पता चला कि उसके अंदर रेडबुल और आइबाल साफ्टवेयर संबंधी लेनदेन के अनेक साक्ष्य मिले हैं। यू ट्यूब के चैनल राजा भाई टीएस ग्रुप एडविन आइबाल के कई वीडियो मिले हैं। अभियुक्त सन्नी राय ने बताया कि वह वीडियो उनके द्वारा ई टिकट के अवैध धंधे के लिए तैयार कर अपलोड किया गया था। इसके लगभग तीन हजार सबस्क्राइबर हैं। इसे साढ़े पांच लाख लोग देख चुके हैं। टिकट बुकिग के लिए साफ्टवेयर के अलावा आइआरसीटीसी के आइडी की भी आवश्यक्ता होती थी, जिसके लिए वे वाट्सएप से चैट कर आइडी प्राप्त करते थे। रेडबुल साफ्टवेयर का मालिक शमसेर है। एसपी ने पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।